Friday, February 18, 2011

लगता है कोई आया है.....

एक हलचल सी है,

लगता है कोई आया है....

हवा गुनगुनाने लगी है

कोई फूल फिर मुस्कराया है.

लगता है कोई आया है....

खामोश हैं दर्द की वुसअतें1,

खामोश हैं शेरिश-ए-तूफां2,

हर सिम्त में है हसरत-ए-तब्बसुम3,

लगता है कोई आया है.....

उठा है दस्त-ए-दुआ4 आज भी,

शायद हाकिम को खबर ये है,

दिख रहे हैं सहरा पे किसी के नक़्शे-पा5,

लगता है कोई आया है......

1.विस्तार,2.तूफ़ान का उपद्रव,3.मुस्कराने की इच्छा, 4.दुआ के लिए उठा हाथ,5.क़दमों के निशान

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