
एक हलचल सी है,
लगता है कोई आया है....
हवा गुनगुनाने लगी है
कोई फूल फिर मुस्कराया है.
लगता है कोई आया है....
खामोश हैं दर्द की वुसअतें1,
खामोश हैं शेरिश-ए-तूफां2,
हर सिम्त में है हसरत-ए-तब्बसुम3,
लगता है कोई आया है.....
उठा है दस्त-ए-दुआ4 आज भी,
शायद हाकिम को खबर ये है,
दिख रहे हैं सहरा पे किसी के नक़्शे-पा5,
लगता है कोई आया है......
1.विस्तार,2.तूफ़ान का उपद्रव,3.मुस्कराने की इच्छा, 4.दुआ के लिए उठा हाथ,5.क़दमों के निशान
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